Wednesday, August 5, 2009

आओं छुले आसमान KO

मित्रो आसमान विराट की अनंत की अनुभूति करने का सबसे श्रेष्ठ माध्यम है.आइये संकल्प करे रोज समय निकालकर पत्नी,बच्चे और मित्रो के साथ आकाश को छुएंगे-देखेंगे.वह बनाता है हमें अंहकार विहीन,कर्मशील ,उद्यमी,नियमित। वह हमारे ह्रदय की गांठे खोल देता है.मानव मात्र एक समान,एक पिता की सब संतान का भाव जगाता है.आशावादी बनाता है.इश्वर के सानिध्य की अनुभूति कराने के साथ अग्नात भय का उन्मूलन करता है.तो आओं छुले आसमान को।
दिव्यदर्शन डी.पुरोहित

No comments: