2016 रहा अब तक का सर्वाधिक गर्म वर्ष ,इस वर्ष का जनवरी रहा तीसरा गर्म माह, हिमखंड पिघल रहे है ,CO2 हो गया 406 पीपीएम ,समुद्र की सतह में ३.४ मिलीमीटर की वृद्धि जारी रही ,चिड़िया और ऐसी कई प्रजातियां समाप्ति की और ,फसलो में गिरावट, ऋतुचक का भयंकर असंतुलन , अब हम किसकी राह देख रहे है मानवीय अस्तित्व को समाप्त करने के लिए ? क्या हम माता वसुंधरा को नहीं बचाएंगे ? क्या हमारी प्यारी अगली पीढ़ी को श्रेष्ठ वातावरण नहीं देंगे ?
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