Sunday, December 9, 2018

अब कहा जायेंगे हम ?
पुरे विश्व के सर्वाधित प्रदूषित 20 शहरों  में से 13 तो केवल भारत के ही है जिसमे सर्वाधिक प्रदूषित कानपुर एवं दिल्ली है। WHO के अनुसार इन शहरों की हवा में प्रदूषित सूक्ष्मकणों  PM 2.5 की मात्रा प्रतिदिन 25 की जगह पर 153 मइक्रोग्राम पर क्यूबीकमीटर तक पहुँच चुकी है। वेहिकल्स ,डिसल जनरेटर्स ,खेतो के कचरो को  जलाना इत्यादि से नाइट्रस ऑक्साइड ,कार्बन डाइऑक्साइड ,कार्बन मोनोक्साइड ,सल्फर ,मीथेन इत्यादि का प्रमाण बेतहासा बढ़ रहा है। जिसके चलते सेकंडरी प्रदुषण के रूप में ग्राऊंड लेवल ओज़ोन भी बढ़ रहा है। पर याद रहे यह चित्र ना केवल 13 अपितु भारत के सभी छोटे मोठे शहरों में बढ़ रहा है और ऐसा ही चलता रहा तो जीने लायक हवा कुछ है वर्षो में नहीं बचेगी। क्या अब भी हम कुछ नहीं करेंगे माता वसुंधरा के लिए ? अभी या कभी नहीं। करे या मरे। दिव्यदर्शन डी पुरोहित ,गुरुदेव वेधशाला ,वड़ोदरा #gurudevobservatory.co.in



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