Saturday, June 1, 2019

गृहे गृहे गायत्री यज्ञ (४) : कल आप सब मंत्रो का व्याकरण,व्याख्या,उच्चारण ,यज्ञ का कर्मकांड भूल जाना ,केवल समर्थ गुरु -गायत्री -सविता को अन्तः के भाव से पुकारना। अपनी सभी निकृष्टता को भूलकर उसमे खो जाना। आप इतिहास बदलने जा रहे है। युग ऋषि के आप सब समर्थ शिष्यों को अगणित शुभकामनाये। दिव्यदर्शन पुरोहित परिवार ,http://www.gurudevobservatory.co.in/  

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