OMG :DNA can be reprogrammed by our own words. मित्रो नयी खोज बता रही है की हमारे DNA एक बायोलॉजिकल इंटरनेट की तरह है ,वो स्पेसिअल फ्रीकवेंसिस वाले शब्दों यथा वेद की ऋचाये ,गायत्री मन्त्र ,से रिप्रोग्राम किये जा सकते है। उसको रेडिओ फ्रेकेंसिस एवं प्रकाश यथा यज्ञ ऊर्जा से भी बदला जा सकता है। इसके चलते हम ना केवल हमारे , अपितु अन्य के भी रोग दूर कर सकते है ,व्यक्तित्व परिवर्तन कर सकते है। गर्भवती माता गर्भ में पल रहे शिशु को मनचाहा बना सकती है। इसके साथ यह भी देखा गया है की DNA हाइपर कॉम्युनिकेशन व ग्रुप चेतना को भी रिस्पॉन्ड करता है। इसके चलते एक ही समय पर ,एक ही मन्त्र से ,एक ही उद्देश्य के साथ की गयी साधना युग परिवर्तन कर सकती है। पर इसमें भी सावधानी रखनी जरुरी है। इसके अलावा इस माध्यम से बहुत कुछ किया जा सकता है। पर उसके लिए विशेष प्रशिक्षण,भावना , ऋचा ज्ञान इत्यादि भी जरुरी है। सामान्य शब्दों से उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। मनकी अतल गहराई से किया गया ध्यान ,विचार भी यह कार्य कर सकते है। दिव्यदर्शन पुरोहित http://www.gurudevobservatory.co.in/
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