यज्ञ की महा ऊर्जा : गुरुदेव वेधशाला से 500 मीटर की दूरी पर आए श्री अंबाजी मंदिर के प्रांगण में आज चैत्र अष्टमी का यज्ञ किया गया। जिसका स्थूल धुआं इतनी दूर से इतनी ऊंचाई पर दिख रहा है। स्थूल से सैकड़ो गुना ताकतवर सूक्ष्म और उससे सहस्त्रों गुना ताकतवर कारण शरीर रहता है।अगर स्थूल इतना बड़ा है तो सोचिए यज्ञ का कारण शरीर कितना बड़ा होगा!!! इसीलिए यज्ञ को विश्व की नाभि कहा गया है । जहां संभव हो वहां यज्ञ में अवश्य भाग लेना चाहिए।बशर्तें वह निःशुल्क होना चाहिए। कोई कामना वाला यज्ञ होगा तो वह असर नहीं करेगा । प्रस्तुति: #gurudevobservatory
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