New historical findings by SOHO of ESA/NASA shows that Earth's atmosphere stretches out to the Moon & beyond.
वेद की बात दोहराई विज्ञान ने : वेद में बार बार उल्लेख आता है की जहाँ तक पानी है वहा तक अंतरिक्ष है और वो चन्द्रमा के पार जाता है। इस पर मुझे कोई प्रूफ नहीं मिल रहा था। पर वर्तमान की ऐतिहासिक खोज ने इस रहस्य को उजागर कर दिया। जिनके मुताबिक जिओकोरोना कहे जाने वाला पृथ्वी का यह वातावरण जिसमे पानी का मूल तत्व हाइड्रोजन समाया है वो चन्द्रमा से भी आगे 630000 किमी तक जाता है। सूर्य की UV रेस उसे डे साइड में कंप्रेस करती है जबकि रात्रि वाले भाग में स्ट्रेच। ऋषियों ने कैसे यह जाना होगा ? रोंगटे खड़े कर देने वाली इस ऐतिहासिक खोज के लिए हम विज्ञान के कृतज्ञ है। दिव्यदर्शन पुरोहित #gurudevobservatory.co.in
Credit: SHOHO/ESA/NASA
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