Monday, March 18, 2019


वेद विज्ञान के मुलभुत स्त्रोत है। इसमें छिपे ज्ञान को अवार्चीन विज्ञान की क्रमशः पुष्टि मिलती चली जा रही है। ऐसे ही एक सत्य की पुष्टि अंतरिक्ष और जीओकोरोना की है।जिसमे स्वयं नासा और esa ने वेदविज्ञान की ही पुस्टि की है। हमें गर्व है की गुजरात के एक प्रशिद्ध दैनिक "गुजरात मित्र" ने इस शोध को अपने अंतिम पेज पर स्थान देकर वेदविज्ञान से जनजन को अवगत कराने का भागीरथ प्रयास किया। इसके लिए हम उनके कृतज्ञ है। मिडिया के ऐसे प्रयास देवसंस्कृति के विज्ञान पक्ष को पुनः जागृत करेंगे उसमे कोई शंशय नहीं है। प्रस्तुत है उस लेख की एक झलक। 
 

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