Sunday, May 19, 2019

गर्भधारण संस्कार:
Gestation rituals boost development of embryo/fetus says research of Medical science.गर्भधारण के पहले महीने गर्भ का ह्रदय,फेफड़े डेवलप होते है साथ में हाथ ,पैर ,ब्रेन ,करोड़रज्जु ,नर्व्स बनना सुरु होता है। तीसरे माह में अस्थि ,मसल्स दांतो के कोपल ,उंगलिया,अंगूठे बनते है ,चमड़ी पारदर्शी होती है। इस तिमाही के दौरान अयोग्य दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए। चौथे माह में गर्भ बढ़ता है ,किडनी फंक्शन सुरु होता है ,भौहे -नाख़ून इत्यादि बनते है ,हाथ पांव बेंड कर सकता है गर्भ। ACOG के मुताबिक वो निगलना और सुनना सुरु करदेता है। पांचवे माह से सोने और जागने का नियमित चक्र सुरु करता है। छठे माह में आंखे खोलता है और ब्रेन तेजी से डेवलप होता है। फेफड़े बनचुके होते है पर वर्क करना सुरु नहीं करते। इन दूसरी तिमाही में उसका लिंग पता चलता है। सातवे माह में गर्भ लात मारता है स्ट्रेच करता है ,संगीत और प्रकाश को रिस्पॉन्ड करता है। आंठवे माह में उसका वजन बढ़ता है अस्थि मजबूत होते है पर अस्थिपंजर लचीला रहता है। नवमे माह में फेफड़े काम करना सुरु कर देते है और  वो प्रसव हेतु तैयार हो  जाता है। यह अमरीकी मेडिकल कॉलेज का रिपोर्ट है। इसको ध्यान से पढ़ने पर ज्ञात होता है की (१) तीन से पांच माह के बिच गर्भधारण संस्कार कर ही देने चाहिए क्योंकि ह्रदय और ब्रेन डेवलप होते है इस दौरान। (२) अत्यधिक प्रकाश ,तेज संगीत ,अयोग्य दवाइया ,अयोग्य भोजन माता को त्याग देना चाहिए। (३) गर्भ के नवमे माह तक ब्रेन तक डेवलप हो जाने के प्रोसेस चलता है इसीलिए इन सम्पूर्ण समय में अर्थात नव माह तक ना केवल गर्भवती माता को अपितु उनके पति और पुरे परिवार को अत्यधिक संयम ,भावना और ध्यान से गर्भधारण संस्कार में दिए गए ज्ञान के मुताबिक ही आचरण करना चाहिए ,अच्छी किताबो को पढ़ना चाहिए। बालक/बालिका को क्या बनाना है उस हिसाब से प्रीप्लान करके कार्य करना चाहिए। अध्यात्म विज्ञान की सहाय लेनी चाहिए। गायत्री परिवार की स्थानीय शाखा का संपर्क बनाये रखना चाहिए,वहाँ पर निशुल्क गर्भधारण संस्कार किये जाते है और युग साहित्य  सदैव उपलब्ध रहता है। DR. NIHARIKA PUROHIT
http://www.gurudevobservatory.co.in/

No comments: