रात्रि में ८ से १० में पश्चिम की और ऊपर सबसे चमकीला गुरु और उसकी बाईं और रोहिणी नक्षत्र दिखता है जिसे गुरुदेव वेधशाला से चित्रांकित किया गया। उसके ठीक उत्तर की और चमकता ब्रह्महृदय और दक्षिण की और मृगशीर्ष एवं व्याध नक्षत्र दिखाई देंगे। सर के ऊपर उसी समय मंगल,पुरुष और प्रकृति का त्रिकोण दिखाई देगा।
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