वेद विज्ञान : वेद ऋचा के दर्शक ऋषि अध्यात्म वैज्ञानिक थे l उनके प्रत्येक मंत्र में दर्शन व विज्ञान छुपा हुआ था ,यथा विश्व विख्यात शांति मंत्र ओम शांति को देखें l उसमें शुरुआत में ब्रह्मांड यानी स्पेस की शांति से चलते हुए अंतरिक्ष की शांति मांगी गई l हजारों साल पूर्व से ऋषि जानते थे अंतरिक्ष यानी पृथ्वी का वातावरण है l पर्यावरण की शांति के साथ वह आगे पृथ्वी ,वनस्पति, जल ,औषधि के साथ विश्वदेव यानी कि ब्रह्मांड को चलाने वाली अनेकविध ऊर्जाओं को शांत होने की प्रार्थना करते हैं l यानी वे कॉस्मिक रेज़ ,ऊर्जाओं को भी जानते थे l अंत में वह स्वयं परब्रह्म को भी शांत स्थिर होने की प्रार्थना करते हैं l यह केवल ऋषि ही कर सकते हैं lऔर सर्वांत में शांति भी मंगलमय शांति हो ऐसा कहकर दर्शन विज्ञान की सर्वोच्च स्थिति दर्शाते हैं l भूल केवल हमसे ही हुई हैं कि हम वेद के इस विज्ञान को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत ही नहीं कर पाए l जिसके चलते पाश्चात्य के 500 -1000 साल पहले हुए वैज्ञानिकों का नाम गर्व से बोला जाता है और ऋषि परंपरा को विस्मृत कर दिया गया है lआओ शपथ उठाएं की वेद विज्ञान को फिर से विश्वव्यापी बनाएंगे l दिव्यदर्शन पुरोहित, गुरुदेव ऑब्जर्वेटरी ,गायत्री प्रज्ञापीठ ,कारेली बाग, वडोदरा l image credit : NASA, ESA, ESO, HST
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